झटके पट में खुशीको बढावना
पटके पट में
बुराई निकालना || टेक ||
यार ! व्यसनोंसे हटके निराले रहो
मुखसे गोविंदके नाम हरदम कहो ।
तार मस्तीकी रंगत चढावना ।। १ ।।
माया ममतासे नाता न रख आदमी ।
फिरके दुनियामें
तुझको न होगी कमी ।
वृत्ति आतममें अपनी लडावना ॥ २ ॥
डटके काटो मगर - कामको जोरसे ।
लोभ लालंचकी - न्यारे रहो भौंरसे ।
कहता तुकड्या ,
मगरूरी गड़ावना ॥३ ॥
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